दलाल स्ट्रीट पर त्राहिमाम, 5 घंटे में डूब गए 7.60 लाख करोड़ रुपये, ये बने गिरावट के सबसे कारण

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शेयर मार्केट के लिए गुरुवार का दिन काफी बुरा साबित हुआ. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स आज 1000 अंक से ज्यादा टूट गया. वहीं, 50 शेयरों वाला निफ्टी भी लगभग 350 अंक टूट गया.

शेयरों में गिरावट के पीछे बढ़ते उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों के बिकवाली के दबाव को वजह माना जा रहा है. सेंसेक्स 1062 अंक टूटकर 72,404 पर आ गया. वहीं, निफ्टी 335 अंक टूटकर 21967 के स्तर पर बंद हुआ. इस गिरावट के कारण 5 घंटे के अंदर निवेशकों के 7.60 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

आज सेंसेक्स पर जिन 5 शेयरों ने सबसे ज्यादा नुकसान कराया वह इस प्रकार हैं- एलएंडटी (-5.56 फीसदी) एशियंस पेंट्स (-4.51 फीसदी), जेएसडब्ल्यू स्टील (-3.46 फीसदी), आईटीसी (-3.27) और बजाज फाइनेंस (-2.83 फीसदी). वहीं, टाटा मोटर्स (1.86 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.48 फीसदी), एसबीआईएन (1.27 फीसदी), इन्फोसिस (0.54 फीसदी) और एचसीएल टेक (0.49 फीसदी) ने सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा मुनाफा कराया.

सेक्टोरल इंडेक्स

केवल निफ्टी ऑटो को छोड़कर बाकी सभी इंडेक्स आज लाल निशान पर बंद हुए हैं. सबसे ज्यादा नुकसान ऑयल एंड गैस सेक्टर को हुआ जो 3.2 फीसदी लुढ़ककर बंद हुआ है. इसके अलावा निफ्टी मेटल 2.9 और एफएमसीजी 2.5 फीसदी गिरे. जबकि निफ्टी फार्मा और रियल्टी 2 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए. निफ्टी ऑटो केवल 0.8 फीसदी बढ़कर बंद हुआ.

क्यों आई गिरावट

जानकारों के अनुसार, आम चुनावों को लेकर अनिश्चितता के माहौल ने बाजार में बिकवाली बढ़ा दी है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशक भी भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं जिसका असर देखने को मिल रहा है. मेहता इक्विटीज के सीनियर वीपी प्रशांत तापसे का कहना है कि लोग चुनावों की अनिश्चितता के कारण इक्विटी में अपना एक्सपोजर तेजी से कम कर रहे हैं ताकि अचानक उन पर कोई पहाड़ न टूट पड़े. वहीं, जियोजित फाइनेंशियल के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा है कि निवेशक तिमाही नतीजों को लेकर सतर्क दिखे जिसकी वजह से बिक्री देखने को मिली. उन्होंने भी चुनाव नतीजों की अनिश्चिचतता को एक बड़ा कारण बताया. इसके अलावा फेडरल रिजर्व की मीटिंग में रेट कटौती में देरी की आशंका को भी बिकवाली के कारण के रूप में देखा जा रहा है.

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